दुनियाँ बनाने वाले, क्या तेरे मन में समायी
काहे को दुनियाँ बनायी तूने, काहे को दुनियाँ बनायी
काहे को दुनियाँ बनायी तूने, काहे को दुनियाँ बनायी
काहे बनाये तू ने माटी के पुतले
धरती ये प्यारी प्यारी, मुखड़े ये उजले
काहे बनाया तू ने दुनियाँ का खेला
जिस में लगाया जवानी का मेला
गुपचुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई
धरती ये प्यारी प्यारी, मुखड़े ये उजले
काहे बनाया तू ने दुनियाँ का खेला
जिस में लगाया जवानी का मेला
गुपचुप तमाशा देखे, वाह रे तेरी खुदाई
काहे को दुनियाँ बनायी तूने, काहे को दुनियाँ बनायी
तू भी तो तड़पा होगा मन को बनाकर
तूफां ये प्यार का मन में छुपाकर
कोई छबी तो होगी आँखों में तेरी
आँसू भी छलके होंगे पलकों से तेरी
बोल क्या सूझी तुझ को, काहे को प्रीत जगाई
तूफां ये प्यार का मन में छुपाकर
कोई छबी तो होगी आँखों में तेरी
आँसू भी छलके होंगे पलकों से तेरी
बोल क्या सूझी तुझ को, काहे को प्रीत जगाई
काहे को दुनियाँ बनायी तूने, काहे को दुनियाँ बनायी
0 comments:
Post a Comment