गिला करती है
तेरे दिल को भी सनम
तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब
तेरे दिल को भी सनम
तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब
तेरी गली में
आता सनम
आता सनम
नग़मा वफा का
गाता सनम
तुझसे सुना ना
जाता सनम
फिर आज इधर
आया हूँ मगर
ये कहने मैं दीवाना
ख़त्म बस आज
ये वहशत होगी
आज रुसवा
तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब
गाता सनम
तुझसे सुना ना
जाता सनम
फिर आज इधर
आया हूँ मगर
ये कहने मैं दीवाना
ख़त्म बस आज
ये वहशत होगी
आज रुसवा
तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब
मेरी तरह तू आहे भरे
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम
ढाये है सितम
तो ये तू भूल न जाना
के न तुझपे
भी इनायत होगी
आज रुसवा
तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब
क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी
गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो
गिला करती है
तेरे दिल को भी सनम
तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब
तू भी किसी से प्यार करे
और रहे वो तुझसे परे
तूने ओ सनम
ढाये है सितम
तो ये तू भूल न जाना
के न तुझपे
भी इनायत होगी
आज रुसवा
तेरी गलियों में मोहब्बत होगी
मेरे महबूब
क़यामत होगी
आज रुसवा तेरी
गलियों में मोहब्बत होगी
मेरी नज़रें तो
गिला करती है
तेरे दिल को भी सनम
तुझसे शिकायत होगी
मेरे महबूब
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